हिंदी विभाग महाविद्यालय के प्रमुख विभागों में से एक है। हिंदी विभाग हिंदी के विभिन्न पाठ्यक्रमों (बी.ए. प्रोग्राम, बी.कॉम प्रोग्राम, AEC, VAC, SEC, GE) को संचालित करता है। जिसके अंतर्गत महाविद्यालय के लगभग सभी विद्यार्थी हिंदी के इन पाठयक्रमों का अध्ययन करते हैं। योग्यता संवर्धन पाठ्यक्रम (AEC) के अंतर्गत विद्यार्थियों को भारतीय भाषाओं से अवगत करवाया जाता है। मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम (VAC) के अंतर्गत विद्यार्थियों को भारतीय भक्ति परंपरा से परिचित करवाते हुए साहित्य, संस्कृति और सिनेमा के साथ मानवीय मूल्यों की शिक्षा दी जाती है। कौशल संवर्धन पाठ्यक्रम (SEC) के अंतर्गत विद्यार्थियों की साहित्यिक और व्यावहारिक रचनात्मकता को निखारने का प्रयास किया जाता है। सामान्य ऐच्छिक पाठ्यक्रम (GE) के अंतर्गत सिनेमा जगत से लेकर वैश्विक पटल पर हिन्दी की महत्ता को बताते हुए शिक्षा दी जाती है। आज हिंदी भाषा वैश्विक पटल पर अपनी एक अलग पहचान बना रही है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी हिंदी भाषा के पठन-पाठन करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। हिंदी भाषा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० में भी महत्त्व दिया गया है। आज भूमण्डलीकरण के इस दौर में हिंदी भाषा रोजगार हेतु नए रास्ते खोल रही है। जिससे हिंदी भाषा को पढ़ने के प्रति छात्र-छात्राओं का रुझान बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में हिंदी विभाग में एक प्रोफेसर और आठ असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं। हिंदी विभाग की एक साहित्यिक परिषद ‘काव्य-भाव’ है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को हिंदी भाषा और साहित्य से परिचित करवाने के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता को निखारना है।